[postlink]http://hivid.blogspot.com/2010/11/blog-post_20.html[/postlink]http://www.youtube.com/watch?v=hPK1fljcH0Uendofvid [starttext] ये वीडियो पूर्वी उत्तरप्रदेश के मशहूर आल्हा गायक श्री रामकिशोर वर्मा जी का है ।
जो इस समय प्राय: बीमार ही रहते हैं ।
अभी हाल ही में वो हमारे घर आये हुए थे , उस समय भी उनका स्वास्थ्य सम्यक नहीं था
किन्तु फिर भी सभी ग्रामीणों की इच्छा को शिरोधार्य करके उन्होने कुछ कहरवा गीत सुनाये ।।
इन्ही गीतों में से एक को यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ जो मेरे चलभाष द्वारा रिकार्ड किया गया है ।
रात्रि के समय में गायन के कारण वर्मा जी का बिम्ब तो अधिक स्पष्ट नहीं है किन्तु उनकी आवाज ठीक सुनाई दे रही है ।
आल्हा गायन के महारथी होने के कारण ही इनकी आवाज की बुलन्दी इस कहरवा में चार चाँद लगा देती है ।
गायन के आरम्भ में एक मिनेट का वार्तालाप है ।
गाने के बोल हैं ''मिटि गै बाबर कै निसानी अब कहानी न रही'' ।।
साभार: http://vivekanand-pandey.blogspot.com[endtext]
जो इस समय प्राय: बीमार ही रहते हैं ।
अभी हाल ही में वो हमारे घर आये हुए थे , उस समय भी उनका स्वास्थ्य सम्यक नहीं था
किन्तु फिर भी सभी ग्रामीणों की इच्छा को शिरोधार्य करके उन्होने कुछ कहरवा गीत सुनाये ।।
इन्ही गीतों में से एक को यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ जो मेरे चलभाष द्वारा रिकार्ड किया गया है ।
रात्रि के समय में गायन के कारण वर्मा जी का बिम्ब तो अधिक स्पष्ट नहीं है किन्तु उनकी आवाज ठीक सुनाई दे रही है ।
आल्हा गायन के महारथी होने के कारण ही इनकी आवाज की बुलन्दी इस कहरवा में चार चाँद लगा देती है ।
गायन के आरम्भ में एक मिनेट का वार्तालाप है ।
गाने के बोल हैं ''मिटि गै बाबर कै निसानी अब कहानी न रही'' ।।
साभार: http://vivekanand-pandey.blogspot.com[endtext]
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